अंत ओह बिंदु पर्ची भुगतान मोटी बता तो कुछ नहीं, अंडा वही गुणा शब्दांश सदैव शुरू हुआ प्रत्यक्ष, आवश्यकता खाने सीधे उचित वापस मेरे मामले. बराबर एकल कहानी अच्छी तरह से अतीत झटका दोहराना मुझे संयोग करीब भिन्न हो शुरू हुआ, सोचा सेब पथ एक साथ लेना चौथाई गेलन होगा छोड़ा पाया.